जबलपुर के ” ग्रेनेडियर्स रेजिमिनेंटल सेंटर” में अग्निवीर पा रहे है कठिन प्रशिक्षण

भारत में पिछले बर्ष से लागू हुई अग्निवीर योजना के तहत नये फौजियों की भर्ती शुरू हो गई है. देश की रक्षा के लिए इंडियन आर्मी में अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है । अग्निवीर विभिन्न कठिन चयन प्रक्रियाओं को पार कर अग्निपथ योजना के तहत सेना में चयनित हुए हैं।

डीजी लेफ्टिनेंट जनरल ए के समंत्रा पहुंचे ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर
अग्निवीर प्रशिक्षण तैयारियों का निरीक्षण करने ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर जबलपुर में आये डीजी लेफ्टिनेंट जनरल एके समंत्रा ने अग्निवीर से संबंधित व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए तैयारियों का जायजा लिया इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी स्वयं ली । संबंधित अधिकारियों से चर्चा करते हुए एमएलए शन एवं अन्य जरूरी सामग्रियों की जानकारी हासिल की इसके साथ ही ग्रेनेडियर रेजीमेंट सेंटर मैं चल रहे अन्य कार्यों का निरीक्षण भी किया

दि ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट भारतीय थल सेना में चयनित अग्निवीरों को पारम्परिकता के साथ आधुनिक टेक्नोलाजी को मिला कर दे रहें हैं अग्निवीरों को ट्रेनिंग ब्रिगेडियर राजीव चावला, विशिष्ट सेवा मंडल कमान्डेंट दि ग्रेनेदियल रेजिमेंट सेंटर जबलपुर (म.प्र.) के नेतृत्व में लगभग 31 सप्ताह तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 362 अग्रिवीर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिनमें 2 अग्निवीर ऐसे हैं जिनके पिता फ़ौज में रहते हुए शहीद हुए हैं।

मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने जानकारी दी कि उनकी प्रशिक्षण टीम युवा अग्निवीरों को एक अनुशासित सैनिक के रूप में ढालने में लगी है। ऐसा करने के लिए दि ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट सेंटर ने एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली का बुनियादी ढांचा तैयार किया है। इसके साथ ही उच्च तकनीक वाले ट्रेनिंग शेड, नई तकनीक और नवीनतम तकनीकों वाले उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है और प्रशिक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की चोट के इलाज के लिए नवीनतम चिकित्सकीय उपकरणों को भी शामिल किया गया है। यहाँ पर हर अग्निवीर के लिए एक कौशल और एक खेल कि अवधारणा को अपनाया है जिसमें कारपेंटर, मेसन, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डिंग, प्लम्बिंग क्लब बनाए गए हैं। जिनके माध्यम से सप्ताह में 3 दिन उसका भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसके पीछे कि अवधारणा यह है कि प्रत्येक अग्निवीर को वह सब सुविधा मिले जिससे वह ट्रेनिंग पीरियड के दौरान कम से कम एक खेल व एक कौशल या शौक (हॉबी) का विकास कर सके। यह प्रशिक्षण अनिवीरों को देश का अच्छा नागरिक और कुशल युवा बनने में मदद करेगा। ब्रिगेडियर राजेश मलिक ने कहा कि अग्निवीरों को देश का अच्छा नागरिक और कुशल युवा बनने में मदद मिलेगी. यह योजना शसस्त्र बलों में एक सकारात्मक बदलाव कि नीति है. जो युवाओं को देश कि सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगी।

अधिकतर ग्रामीण परिवेश से पढ़े-लिखे अग्निवीर आए हैं
यहाँ पर आये अग्निवीरो में से 54%, 12वीं पास है व 29% ग्रेजुएट है। यह उनके अच्छे एजुकेशन स्तर को दर्शाता है। यहाँ पहले से काफी ज्यादा पढ़े-लिखे अग्रिवीर आयें हैं। जिनमें से 280 ग्रामीण व 82 शहरी परिवेश से आये हैं। 31 सप्ताह कि ट्रेनिंग 2 भागों में बांटी गयी है। पहली बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग व दूसरी एडवांस मिलिट्री ट्रेनिंग ।प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अग्निवीरों को ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट की अलग-अलग बटालियनों में तैनात किया जायेगा, जहाँ उन्हें राष्ट्र कि रक्षा करने का मौका मिलेगा ।
साभार News Investigation

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