पृथ्वी से सूरज को देखते है तो उसकी रौशनी की वजह से हम ठीक से सूरज को देख नहीं सकते पर हकीकत में कुछ और ही है। सूरज पर भी छोटे बड़े सौर तुफन आते रहते है। कई बार पृथ्वी पर भी इसका असर देखने को मिलता है। पर यह असर कभी कभी बड़े आकर में देखने को मिलता है। विशेषज्ञ ने ऐसी एक सौर तूफान को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिससे इंटरनेट सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है।
टेक रडार की रिपोर्ट के अनुसार बड़े सारे सौर तूफान इंटरनेट सेवा को लंबे वक़्त के लिए खराब कर सकते हैं। जिसके बाद एक महीने तक हो सकता है इंटरनेट बंद रहे । ऑनलाइन कार्य इसकी वजह से हो पाना मुश्किल हो सकता है। शोध के मुताबिक ये सौर तूफान एक दिन से भी कम समय के नोटिस के साथ पृथ्वी पर तबाही ला सकती है। इससे दुनिया के कोई भी मालदीप नहीं बचेगा। इसको लेकर केलिफोर्निया बिस्वबिद्यलय में असिस्टेंट प्रोफेसर संगीता अब्दु ज्योति ने पिछले महीने हुए SIGCOMM 2021 सम्मलेन में एक रिपोर्ट भी प्रस्तुति की थी
इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में इंटरनेट के जाल फैलाने की लिए समुद्र के अंदर केबल बिछाई गई है। वास्तव में ये केबल्स बहुत ही कमज़ोर होती है। 1800—1900 कि सुरुआत में बहुत से सौर तूफान पृथ्वी से टकराए थे, अगर उस प्रकार का तूफान दोबारा आता है, तो ये केबल को प्रभावित करेगा। वहीं अपने पेपर डॉलर सुपरस्टार्म प्लानिंग फॉर ए इंटरनेट एपोकेलिप्स टू वायर्ड, के बारे में बोलते हुए ज्योति ने कहा महामारी के वक़्त हमने देखा कि दुनिया तैयार नहीं थी उसी ने मुझे ये सोचने पर मजबूर कर दिया।असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योति के मुतबिक अभी दुनियाभर में इंटरनेट का बुनियादी में इंटरनेट ढांचा बड़े सारे सौर तूफान को झेलने के लिए तैयार नहीं है। इसके अलावा हमें इस बात की भी बहुत ही काम समझ है के इसकी वजह से नुकसान कितना होगा। ऐसे सौर तूफानआमतौरपर इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होता लेकिन सेटलाइट और अन्य उपकरणों को खराब करने की क्षमता रखते हैं। साथ ही नियमित तौर हवाएं एक पूर्ण बिकसित सौर तूफान में बदल जाती है, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन की रूप में माना जाता है।
ये विश्व की अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित करेगा। सिर्फ अमेरिका की ही बात करें तो अगर वहां पर इंटरनेट बंद होता है , तो एक दिन में 7 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान होगा।
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