केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को झारखंड में जैनियों के धार्मिक स्थल ‘सम्मेद शिखरजी’ (Sammad Shikharji) से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी और झारखंड सरकार को इसकी शुचिता अक्षुण्ण रखने के लिए तत्काल सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक कार्यालय ज्ञापन भेजा है।
यह घटनाक्रम इस मुद्दे पर दिन के पूर्वार्द्ध में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की जैन समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के बाद सामने आया है। यादव ने आश्वासन दिया था कि सरकार ‘सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र’ की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो न केवल जैन समुदाय, बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2019 में पारसनाथ अभयारण्य के आसपास एक पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित किया था और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसरण में पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियों को मंजूरी दी थी।मंत्रालय ने झारखंड सरकार के वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि ‘पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र इस क्षेत्र में अधिसूचना के खंड तीन के प्रावधानों का कार्यान्वयन तत्काल रोका जाता है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं।’
राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है इस बीच, विभिन्न जैन समूहों के प्रतिनिधियों ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करने को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया और कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके सबसे पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता बनी रहेगी उन्होंने एक बयान में कहा, ‘हमारी चिंताओं को दूर कर दिया गया है और इस मुद्दे को हमारी संतुष्टि के अनुरूप सुलझा लिया गया है।’
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र की पवित्रता और ‘जैन समुदाय के साथ-साथ राष्ट्र के लिए इसके महत्व को पहचानती है; और इसे बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है।’ केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को भी पारसनाथ पहाड़ी पर शराब और मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना चाहिए।
इससे पहले, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि झारखंड में अपने एक पवित्र स्थल की सुरक्षा की मांग कर रहे जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। रेड्डी ने कहा था कि केंद्र सरकार पहले ही इस मुद्दे को झारखंड सरकार के सामने उठा चुकी है और उन्होंने खुद इस मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।
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